Sunday, December 28, 2008

तेरी मुहोब्बत

तेरी मुहोब्बत से ये जिंदगी रंगीन हो जाती है
आँखों में खुशी रुखसारों पे नूर बढ़ा जाती है
मैं किस कदर सराहू तेरी नजदीकियों को
कि ये मुझ नाचीज़ को जीने कि ललक दे जाती है !!

गर्दिश

उदास दिल की नगरी में
तन्हाइयो का आलम है
इंतज़ार की घडियों में
बेचैनियों की गर्दिश है..!!

तूफ़ान

फ़िर मेरी जिंदगी मैं तूफ़ान गए है
साहिल को तोड़ सैलाब गए है
किस कदर बचाऊ उजड़ने से
इस दिल के आशियाने को
जिधर देखती हू उधर
मेरी हसरतो के
जनाजे जल रहे है....!!

शम्मा

शम्मा जिस आग में जलती है नुमाइश के लिए
हम उसी आग में जल जाते है गुमनाम से...