तेरी मुहोब्बत से ये जिंदगी रंगीन हो जाती है॥
आँखों में खुशी रुखसारों पे नूर बढ़ा जाती है
मैं किस कदर सराहू तेरी नजदीकियों को
कि ये मुझ नाचीज़ को जीने कि ललक दे जाती है !!
Sunday, December 28, 2008
तूफ़ान
फ़िर मेरी जिंदगी मैं तूफ़ान आ गए है
साहिल को तोड़ सैलाब आ गए है
किस कदर बचाऊ उजड़ने से
इस दिल के आशियाने को
जिधर देखती हू उधर
मेरी हसरतो के
जनाजे जल रहे है....!!
साहिल को तोड़ सैलाब आ गए है
किस कदर बचाऊ उजड़ने से
इस दिल के आशियाने को
जिधर देखती हू उधर
मेरी हसरतो के
जनाजे जल रहे है....!!
Thursday, November 13, 2008
चिता की लपटे ...
दर्द भरे दिल में आज मुहोब्बत को मरते देखा है
मजबूरियों के बोझ में जज्बातों को कुचलते देखा है
हैरत नही आज, मौत भी आ जाए अगर ,,,,
पल पल चिता की लपटों में ख़ुद को जलते देखा है ... !!
मजबूरियों के बोझ में जज्बातों को कुचलते देखा है
हैरत नही आज, मौत भी आ जाए अगर ,,,,
पल पल चिता की लपटों में ख़ुद को जलते देखा है ... !!
मौत का सामान
कतरा - कतरा जिंदगी यू बिखर गई
पग पग चलते चलते मौत नज़दीक आ गई
तमाम उम्र तडपे जिन खुशियों की चाह में ...
वही खुशिया मौत का सामान बन गई ...!!
पग पग चलते चलते मौत नज़दीक आ गई
तमाम उम्र तडपे जिन खुशियों की चाह में ...
वही खुशिया मौत का सामान बन गई ...!!
मझदार
मझदार में यू छूटे की राहे भटक गए ...
जिंदगी तो अब एक सज़ा सी लगे ...
किस जुर्म की सज़ा मिली की ...
उनसे शिकवा भी ना कर सके ...
बरबाद यू हुए कि ....
बद्दुआ बन के रह गए ....!!
जिंदगी तो अब एक सज़ा सी लगे ...
किस जुर्म की सज़ा मिली की ...
उनसे शिकवा भी ना कर सके ...
बरबाद यू हुए कि ....
बद्दुआ बन के रह गए ....!!
उम्मीद...
तुझे दुनिया का डर सताता है तो
सताया करे...
मैंने तो तुझ संग जीने मरने की
कसम खायी है ...
तुझे मेरी आवाज़ ना सुनाई दे तो
ना सही...
मैं तुझ बिन जी नही सकती .....
ये तो तुझे भी मालुम है ...!!
एक दिन यू ही
तेरी दुनिया से चुप-चाप उठ जाउंगी ॥
मौत ना भी आई तो उसे ...
मना के लाऊंगी !!
बे-फिकर रहना ...
लब पे तेरा नाम ना लाऊंगी ..
तुझसे वादा किया है ...
तुझे अपने जनाजे पे ना बुलाऊंगी ॥!!
मेरी हर साँस में तू है ..
तुझ से जुदा हो कर तो
ना जी पाउंगी ...!!
कह दे बस एक बार की
सब उम्मीद छोड़ दू तुझसे ...
तो मेरी मौत ख़ुद-बी-ख़ुद
मेरे पास चली आएगी .... !!
सताया करे...
मैंने तो तुझ संग जीने मरने की
कसम खायी है ...
तुझे मेरी आवाज़ ना सुनाई दे तो
ना सही...
मैं तुझ बिन जी नही सकती .....
ये तो तुझे भी मालुम है ...!!
एक दिन यू ही
तेरी दुनिया से चुप-चाप उठ जाउंगी ॥
मौत ना भी आई तो उसे ...
मना के लाऊंगी !!
बे-फिकर रहना ...
लब पे तेरा नाम ना लाऊंगी ..
तुझसे वादा किया है ...
तुझे अपने जनाजे पे ना बुलाऊंगी ॥!!
मेरी हर साँस में तू है ..
तुझ से जुदा हो कर तो
ना जी पाउंगी ...!!
कह दे बस एक बार की
सब उम्मीद छोड़ दू तुझसे ...
तो मेरी मौत ख़ुद-बी-ख़ुद
मेरे पास चली आएगी .... !!
तेरी आवाज़
दिन रात तेरे लिए जलते है हम ...
तेरी आवाज़ सुनने को तड़पते है हम ...
ना मार यू हम बदनसीबो को ...
मरे है जो पहले से...
तुझसे ही तो साँसे पाते है.....!!
तेरी आवाज़ सुनने को तड़पते है हम ...
ना मार यू हम बदनसीबो को ...
मरे है जो पहले से...
तुझसे ही तो साँसे पाते है.....!!
गम -ऐ - जुदाई..
Thursday, November 6, 2008
तेरा सहारा
जब भी चाहा सहारा
तेरे हाथो का
जब जब दिल ने चाहा
तेरे आगोश में सिर छुपाना
ना तेरे प्यार के दो बोल
ना वो स्पर्श प्यारा सा मिला॥
Thursday, October 30, 2008
तेरी याद....
हर पल तेरी याद सताती है मुझे..
कभी हंसाती, कभी रुलाती है मुझे..
मगर उफ़ ये मज़बूरी रुलाती है मुझे..!!
Friday, October 24, 2008
कफ़न की जरुरत नही..
उदास गलियारों में घर है हमारा..
इन गलियों में तुम कभी आना नही..
उदासी के कपड़ो में लिपटे है हम..
मरने के बाद और किसी कफ़न की जरुरत नही..
इन गलियों में तुम कभी आना नही..
उदासी के कपड़ो में लिपटे है हम..
मरने के बाद और किसी कफ़न की जरुरत नही..
ओ सितमगर..
तेरे हर दर्द का हम निशाना ठहरे..
मगर ओ सितमगर पलट के कभी हाल तो देखा होता..
किस कदर चाहते रहे तुझसे चोट खा कर हम ..
हमारी आती- जाती साँसों का पैगाम तो पढ़ा होता...
मगर ओ सितमगर पलट के कभी हाल तो देखा होता..
किस कदर चाहते रहे तुझसे चोट खा कर हम ..
हमारी आती- जाती साँसों का पैगाम तो पढ़ा होता...
खुशिया..
खुशियों ने पल भर को मुझे बहलाया था..
गमो की भीड़ ने एहसास मगर होने ना दिया..
कब से खड़ी हू... खुशियों की चाह लिए..
जिंदगी की धूप ने मगर हवा का झोका भी ना दिया...
गमो की भीड़ ने एहसास मगर होने ना दिया..
कब से खड़ी हू... खुशियों की चाह लिए..
जिंदगी की धूप ने मगर हवा का झोका भी ना दिया...
तेरी तस्वीर..
तेरी तस्वीर सीने से लगाए बैठे है..
अपनी आँखे तेरी राहो में बिछाए बैठे है..
आखरी साँस अटकी है तेरे इंतज़ार में..
कब आएगा तू..हम कब्र सजाये बैठे है..!!
अपनी आँखे तेरी राहो में बिछाए बैठे है..
आखरी साँस अटकी है तेरे इंतज़ार में..
कब आएगा तू..हम कब्र सजाये बैठे है..!!
आजमाइश -ऐ-मुहोब्बत ..
दिल के सुकून की बात ना कर...
दिल जलो से प्यार के मौसम की बात ना कर..
खिलवट -ऐ-दर्द से जो चूर हो चुके है...
उनसे आजमाइश-ऐ-मुहोब्बत की बात ना कर..!!
दिल जलो से प्यार के मौसम की बात ना कर..
खिलवट -ऐ-दर्द से जो चूर हो चुके है...
उनसे आजमाइश-ऐ-मुहोब्बत की बात ना कर..!!
हँस लेता हू..
दिल जब रोता है तो मैं हँस लेता हू..
जखम कोई रिसता है तो ख़ुद पे हँस लेता हू..
यु रोज़, हर रोज़, गम को हवा देता हू....
और एक चेहरे पे दूसरा चेहरा लगा लेता हू..!!
जखम कोई रिसता है तो ख़ुद पे हँस लेता हू..
यु रोज़, हर रोज़, गम को हवा देता हू....
और एक चेहरे पे दूसरा चेहरा लगा लेता हू..!!
हिसाब...
वक्त की गर्दिश ना निगल जाए ये मेरी वफ़ा
ओ सितमगर यु ना मुझको तडफा..
मिट रही है ज्यूँ मेरी जिंदगी..
तेरी दूरियों में लम्हा..लम्हा..
ऐ संगदिल इसका हिसाब ....
उस उपरवाले को देना होगा !!
ओ सितमगर यु ना मुझको तडफा..
मिट रही है ज्यूँ मेरी जिंदगी..
तेरी दूरियों में लम्हा..लम्हा..
ऐ संगदिल इसका हिसाब ....
उस उपरवाले को देना होगा !!
तेरा इंतज़ार...
कितना दुःख दाई है तेरा इंतज़ार
कब्र के इंतज़ार से भी भारी ये इंतज़ार
पल-पल टुकडा - टुकडा कर के दिल को काटता है..
तेरी तरह सितम ढाता है..तेरा इंतज़ार !!
कब्र के इंतज़ार से भी भारी ये इंतज़ार
पल-पल टुकडा - टुकडा कर के दिल को काटता है..
तेरी तरह सितम ढाता है..तेरा इंतज़ार !!
कहा जाऊ..??
बेचैन खयालो को कोई राह मिलती नही..
तेरे बिन जिंदगी अब किसी राह गुज़रती नही..
कहा जाऊ इन बोझिल साँसों का कारवा लेकर..
जिंदगी को जब तेरे प्यार की पतवार कही मिलती नही..
तेरे बिन जिंदगी अब किसी राह गुज़रती नही..
कहा जाऊ इन बोझिल साँसों का कारवा लेकर..
जिंदगी को जब तेरे प्यार की पतवार कही मिलती नही..
Thursday, October 23, 2008
चाहत..
ऐ दोस्त तुमने भी काश हमें इतनी शिद्दत से चाह होता..
बस यही गम था..यही गम है..और यही गम अब साथ जाएगा..
बस यही गम था..यही गम है..और यही गम अब साथ जाएगा..
शम्मा जलाते रहो..
आर्जूए महकाते रहो..
जिंदगी में लुत्फ़ आ जाएगा..
उमीदों की शम्मा जलाते रहो..
जिंदगी का कुछ सफर तो कट जाएगा..
जिंदगी में लुत्फ़ आ जाएगा..
उमीदों की शम्मा जलाते रहो..
जिंदगी का कुछ सफर तो कट जाएगा..
ज़रा मुस्कुरा दे..
बे-करारी भी देखना एक दिन दम तोड़ जायेगी.
सिर्फ़ तेरे रुखसारों की लाली ही अंत तक नज़र आएगी..
न बेगार कर जिंदगी के हसीं पलो को..
रूह को सकूं देने के लिए ही सही मुस्कुरा घड़ी -दो-घड़ी को!!
सिर्फ़ तेरे रुखसारों की लाली ही अंत तक नज़र आएगी..
न बेगार कर जिंदगी के हसीं पलो को..
रूह को सकूं देने के लिए ही सही मुस्कुरा घड़ी -दो-घड़ी को!!
शौक..
ये शौक भी हमारा है की हम उनको दिल में बिठाये रखते है...
ये शौक भी उनका है जिस दिल में रहते हे वो उसी को तोडा करते है..
ये शौक भी उनका है जिस दिल में रहते हे वो उसी को तोडा करते है..
खवाहिश
मंजिल -ऐ- ख्वाहिश छोड़ दे तो जिए कैसे ओ जानम....
इसी उम्मीद पर जिंदगी का कतल-ऐ-आम रोज़ किए जाते हे..
इसी उम्मीद पर जिंदगी का कतल-ऐ-आम रोज़ किए जाते हे..
कुछ एहसास
इस पत्थर की दुनिया में हम देखते हे कब तक जी पाएंगे..
कसम खायी हे हमने भी कि उफ़ किए बिना ही तेरी दुनिया से चले जायेंगे॥
तिनके में भी दम बहुत होता हे दोस्तो..
गर आँख में गिर जाए तो तुमको हिला दे..
मगरूर बने कितना दिल , मगर है तो वही नाज़ुक सा ..
खेलो न इसे खिलौना समझ ये कांच कि तरह टूट जाएगा.
दिल तोड़ते गर इंसान है ...
तो दिल जोड़ते भी इंसान है॥
कसम खायी हे हमने भी कि उफ़ किए बिना ही तेरी दुनिया से चले जायेंगे॥
तिनके में भी दम बहुत होता हे दोस्तो..
गर आँख में गिर जाए तो तुमको हिला दे..
मगरूर बने कितना दिल , मगर है तो वही नाज़ुक सा ..
खेलो न इसे खिलौना समझ ये कांच कि तरह टूट जाएगा.
दिल तोड़ते गर इंसान है ...
तो दिल जोड़ते भी इंसान है॥
तड़फ..
तुमसे मिलने को तड़फते है हम
तुम्हारी आवाज़ सुनने को तरसते है हर दम ...
तुम ही दिल हो, दिल की धड़कन हो तुम ...
सुकून - ऐ - साँस मिल के मुझे दे दो तुम ...!!
तुम्हारी आवाज़ सुनने को तरसते है हर दम ...
तुम ही दिल हो, दिल की धड़कन हो तुम ...
सुकून - ऐ - साँस मिल के मुझे दे दो तुम ...!!
Tuesday, October 21, 2008
याद...
याद न आया करो यु कि हमारी साँस तुम में अटकी रहती है..
दिल यु उछलने को होता है ..कि हमारी जान पे बन आती है ..
दिल यु उछलने को होता है ..कि हमारी जान पे बन आती है ..
&&&&
उसकी याद में जाग - जाग कर रातो को यादगार बना लिया है ..
उसके यादो में तड़फ तड़फ कर मरना ही बस बाकि है..
वरना मकबरा तो हमने बी बनवा लिया है ..
उसके यादो में तड़फ तड़फ कर मरना ही बस बाकि है..
वरना मकबरा तो हमने बी बनवा लिया है ..
$
यादो में रो रो कर ताजमहल तो हमने बी बनवाये थे..
कोई कारीगर न मिला..वरना खिड़की दरवाजे तो हमने बी लगवाए थे..
जिंदगी..
जिंदगी धुप छाव का खेल है..
जिंदगी अन -सुलझी पहेली है..
जिंदगी उम्मीदों का दामन है..
उम्मीदे नही तो जिंदगी बेमानी है..!!
जिंदगी अन -सुलझी पहेली है..
जिंदगी उम्मीदों का दामन है..
उम्मीदे नही तो जिंदगी बेमानी है..!!
जिंदगी जब भी मेरी महफिल में आती है..
में उस-से दर्द की इन्तहा पूछती हू.
में उस-से दर्द की इन्तहा पूछती हू.
मेरी तन्हाईया..
तन्हाइयो के सैलाब उफनते रहते है..
गम-ऐ-गर्दिश में हम दफ़न रहते है..
जब जब दुखो की लहरें थपेरे देती है..
तन्हाईया सिमट कर मुझे कस के पकड़ लेती है..!!
गम-ऐ-गर्दिश में हम दफ़न रहते है..
जब जब दुखो की लहरें थपेरे देती है..
तन्हाईया सिमट कर मुझे कस के पकड़ लेती है..!!
तन्हाईया अब मेरी हम सफर हो गई है..
सब साथ छोड़ चुके है..
अब ये कब्र तक साथ हो चली है॥
तन्हाईया आज न सिम्टेंगी हम जानते है..
जान भी तो नहीं लेती, कमबख्त बदकिस्मती है..
जान भी तो नहीं लेती, कमबख्त बदकिस्मती है..
तन्हाई अब मेरी पहचान हो गई है..
तन्हाई अब मेरी जुबा.न हो गई है ..
इस जनम में तो साथ ना छोडेगी ये, लगता है..
कब्र में भी तन्हाई हम-बिस्तर हो चली है ..!!
तन्हाई अब मेरी जुबा.न हो गई है ..
इस जनम में तो साथ ना छोडेगी ये, लगता है..
कब्र में भी तन्हाई हम-बिस्तर हो चली है ..!!
तन्हाई..
तन्हाई से कभी दिल ना लगाना दोस्तो..
बे-मौत मार डालेगी..इसकी गली ना जाना दोस्तो..
मैं तो मर-मर के जी रही हू जब से इस से मिली हू..
टुकडो - टुकडो में मर जाओगे ऐसी है तन्हाई दोस्तो॥
बे-मौत मार डालेगी..इसकी गली ना जाना दोस्तो..
मैं तो मर-मर के जी रही हू जब से इस से मिली हू..
टुकडो - टुकडो में मर जाओगे ऐसी है तन्हाई दोस्तो॥
उम्मीद..
जिंदगी तो बस लहू-लुहान है..और शायद रहेगी भी..
फ़िर भी न जाने क्यों जिंदा है..हम किसी अनजानी सी उम्मीद में॥
फ़िर भी न जाने क्यों जिंदा है..हम किसी अनजानी सी उम्मीद में॥
तकदीर
तकदीर में जो लिखवा के लाये है
वो कैसे बदल जायेगी..
आंसुओ से धो लो चाहे कितने दाग...
जितनी खुशी होगी तकदीर में,
बस वही मिल पायेगी..!!
वो कैसे बदल जायेगी..
आंसुओ से धो लो चाहे कितने दाग...
जितनी खुशी होगी तकदीर में,
बस वही मिल पायेगी..!!
Friday, October 17, 2008
मुहोब्बत का मुकाम...
मुहोब्बत करता है तो ठोकरों का हिसाब ना रख
ठोकरे खाना ही मुहोब्बत का दूसरा नाम है....!!
दर्द जब बन जाए तेरे सुकून का मसला..
समझ अब तू मुहोब्बत में पास हो गया...!!
बिन दर्द के जब तेरे दिल को खलिश सी लगे...
मान लेना उस दिन मुहोब्बत में तुझे कोई मुकाम मिल गया...!!
ठोकरे खाना ही मुहोब्बत का दूसरा नाम है....!!
दर्द जब बन जाए तेरे सुकून का मसला..
समझ अब तू मुहोब्बत में पास हो गया...!!
बिन दर्द के जब तेरे दिल को खलिश सी लगे...
मान लेना उस दिन मुहोब्बत में तुझे कोई मुकाम मिल गया...!!
तेरा साथ..
तेरी नजरो के इर्द-गिर्द...
मेरे दिल को सकूं रहता है..
तेरी बाहों के घेरे में...
झुलसते बदन को छाव मिलती है...
मेरे दिल को सकूं रहता है..
तेरी बाहों के घेरे में...
झुलसते बदन को छाव मिलती है...
Thursday, October 16, 2008
डर...
आपके खामोश लब क्या राज़ छुपाते है..
दिल के हाल तुम्हारे,,मेरे नैना पढ़ नही पर पाते है..
आपकी इस खामोशी से डर लगता है मुझे...
बैचैन हो उठती हू दिल डरता है रह रह के...
दिल के हाल तुम्हारे,,मेरे नैना पढ़ नही पर पाते है..
आपकी इस खामोशी से डर लगता है मुझे...
बैचैन हो उठती हू दिल डरता है रह रह के...
ठंडी साँसे..
तन्हाइयो की ऐसी वफादारी ...
उफ़ अब मुझसे सही नही जाती..
दिल में दर्द..दर्द पे आहे...
उफ़ ये साँसों की ठंडी ठंडी
पद्चापे.... अब बर्दाश्त नही होती..!!
उफ़ अब मुझसे सही नही जाती..
दिल में दर्द..दर्द पे आहे...
उफ़ ये साँसों की ठंडी ठंडी
पद्चापे.... अब बर्दाश्त नही होती..!!
मिन्नेते..
मिन्नत्ते कर के बी देखा है..
मन्नते मांग के भी देखा है..
उस खुदा के दर पर हमने...
ख़ुद को बिछा के भी देखा है..
हर बार हसने की कोशिश में...
इन आँखों को मगर रोते हुई ही देखा है..
मन्नते मांग के भी देखा है..
उस खुदा के दर पर हमने...
ख़ुद को बिछा के भी देखा है..
हर बार हसने की कोशिश में...
इन आँखों को मगर रोते हुई ही देखा है..
लौट आ ...
बहुत उदास हू मैं आज तेरे ना आने से..
जिंदगी खो गई है कही तेरे ना आने से..
तू लौट आ, देख मेरी सांसे लौट आएँगी..
वरना आज एक और मौत आ जायेगी तेरे ना आने से..
जिंदगी खो गई है कही तेरे ना आने से..
तू लौट आ, देख मेरी सांसे लौट आएँगी..
वरना आज एक और मौत आ जायेगी तेरे ना आने से..
मेरा साथी..
आज के दिन का हर पहलु नम है मेरा..
तेरे बिन दर्द-ऐ-जुदाई से नाता है मेरा..
अश्क जो आज अपने दामन पर गिरा लिए है मैंने...
बस वही भीगा दामन ही साथी है मेरा...!!
तेरे बिन दर्द-ऐ-जुदाई से नाता है मेरा..
अश्क जो आज अपने दामन पर गिरा लिए है मैंने...
बस वही भीगा दामन ही साथी है मेरा...!!
ये दूरिया...
हर पल तुमसे मिलने को आज मै तड़फ रही हू
हर लम्हा तुमसे बात करने को आज मैं सिसक रही हू
आह जानती हु, इतना तडफा कर भी मौत ना अपनाएगी मुझे,
पर ये भी सुच है ओ मेरे जान-ऐ-जानिब इन दूरियों में...
आज मैं हर पल मर रही हू !!
हर लम्हा तुमसे बात करने को आज मैं सिसक रही हू
आह जानती हु, इतना तडफा कर भी मौत ना अपनाएगी मुझे,
पर ये भी सुच है ओ मेरे जान-ऐ-जानिब इन दूरियों में...
आज मैं हर पल मर रही हू !!
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