Sunday, December 28, 2008

तेरी मुहोब्बत

तेरी मुहोब्बत से ये जिंदगी रंगीन हो जाती है
आँखों में खुशी रुखसारों पे नूर बढ़ा जाती है
मैं किस कदर सराहू तेरी नजदीकियों को
कि ये मुझ नाचीज़ को जीने कि ललक दे जाती है !!

2 comments:

हें प्रभु यह तेरापंथ said...

तेरी मुहोब्बत से ये जिंदगी रंगीन हो जाती है॥
आँखों में खुशी रुखसारों पे नूर बढ़ा जाती है
मैं किस कदर सराहू तेरी नजदीकियों को
कि ये मुझ नाचीज़ को जीने कि ललक दे जाती है !!
आप द्वारा रचीत कविता ने मेरे दिल को छु लिया। अति सुन्दर॥॥॥।
मेरे ब्लोग को देखे।

जय हिन्द।

HEY PRABHU YEH TERA PATH
http://ombhiksu-ctup.blogspot.com/
ctup.bhikshu@gmail.com

vijay kumar sappatti said...

kya baat hi ji ,

mohabbat ,bu zindagi ko jeene ke layak bana deta hi ..

badhai ..

maine bhi kuch likha hai , kabhi aayiyenga

vijay
Pls visit my blog for new poems:
http://poemsofvijay.blogspot.com/