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NAZUK LAMHE....
Tuesday, October 21, 2008
दस्तक...
दिल
ने
फिर
तेरे
दिल
पर
दस्तक
दी
है
तन्हाई
ने
फिर
एक
कसक
दी
है
चाहूँ
तेरी
बाहों
में
सिमट
जाना
ख़्वाबों
ने
तेरी
फिर
कसक
दी
है
.
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तेरी याद....
कफ़न की जरुरत नही..
ओ सितमगर..
खुशिया..
तेरी तस्वीर..
आजमाइश -ऐ-मुहोब्बत ..
हँस लेता हू..
हिसाब...
तेरा इंतज़ार...
कहा जाऊ..??
चाहत..
शम्मा जलाते रहो..
ज़रा मुस्कुरा दे..
शौक..
खवाहिश
कुछ एहसास
तड़फ..
दस्तक...
याद...
जिंदगी..
मेरी तन्हाईया..
तन्हाई..
उम्मीद..
तकदीर
मुहोब्बत का मुकाम...
तेरा साथ..
डर...
ठंडी साँसे..
मिन्नेते..
जाल..
लौट आ ...
मेरा साथी..
ये दूरिया...
जिंदगी और मौत...
तनहा की शायरी...
तनहा की शायरी...
तनहा की शायरी..
तनहा की शायरी..
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taanya
Dil ki tanhaayi ko alfaaz bana lete hai.. Dard jab had se guzerta hai to likh lete hai..!
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