Thursday, October 23, 2008

कुछ एहसास

इस पत्थर की दुनिया में हम देखते हे कब तक जी पाएंगे..
कसम खायी हे हमने भी कि उफ़ किए बिना ही तेरी दुनिया से चले जायेंगे॥

तिनके में भी दम बहुत होता हे दोस्तो..
गर आँख में गिर जाए तो तुमको हिला दे..

मगरूर बने कितना दिल , मगर है तो वही नाज़ुक सा ..
खेलो न इसे खिलौना समझ ये कांच कि तरह टूट जाएगा.

दिल तोड़ते गर इंसान है ...
तो दिल जोड़ते भी इंसान है॥

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