Friday, October 24, 2008

खुशिया..

खुशियों ने पल भर को मुझे बहलाया था..
गमो की भीड़ ने एहसास मगर होने ना दिया..
कब से खड़ी हू... खुशियों की चाह लिए..
जिंदगी की धूप ने मगर हवा का झोका भी ना दिया...

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