Thursday, October 16, 2008

ये दूरिया...

हर पल तुमसे मिलने को आज मै तड़फ रही हू
हर लम्हा तुमसे बात करने को आज मैं सिसक रही हू
आह जानती हु, इतना तडफा कर भी मौत ना अपनाएगी मुझे,
पर ये भी सुच है मेरे जान--जानिब इन दूरियों में...
आज मैं हर पल मर रही हू !!

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