Tuesday, October 21, 2008

याद...

याद न आया करो यु कि हमारी साँस तुम में अटकी रहती है..
दिल यु उछलने को होता है ..कि हमारी जान पे बन आती है ..

&&&&

उसकी याद में जाग - जाग कर रातो को यादगार बना लिया है ..
उसके यादो में तड़फ तड़फ कर मरना ही बस बाकि है..
वरना मकबरा तो हमने बी बनवा लिया है ..

$

यादो में रो रो कर ताजमहल तो हमने बी बनवाये थे..
कोई कारीगर न मिला..वरना खिड़की दरवाजे तो हमने बी लगवाए थे..
biggrin.gif biggrin.gif biggrin.gif

No comments: