आपके खामोश लब क्या राज़ छुपाते है..
दिल के हाल तुम्हारे,,मेरे नैना पढ़ नही पर पाते है..
आपकी इस खामोशी से डर लगता है मुझे...
बैचैन हो उठती हू दिल डरता है रह रह के...
दिल के हाल तुम्हारे,,मेरे नैना पढ़ नही पर पाते है..
आपकी इस खामोशी से डर लगता है मुझे...
बैचैन हो उठती हू दिल डरता है रह रह के...
1 comment:
tumhaare dil men yun bechainiyan kyon hain?
kisi ki bhi khaamoshi se darr lagta kyon hai?
gar chhupaya hai tumse koi raaz kisi ke labon ne,
to un labon ki tahreer padhane ki zarroart kyon hai?
Post a Comment