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NAZUK LAMHE....
Thursday, October 23, 2008
तड़फ..
तुमसे
मिलने
को
तड़फते
है
हम
तुम्हारी
आवाज़
सुनने
को
तरसते
है
हर
दम
...
तुम
ही
दिल
हो
,
दिल
की
धड़कन
हो
तुम
...
सुकून
-
ऐ
-
साँस
मिल
के
मुझे
दे
दो
तुम
...!!
1 comment:
Suneel R. Karmele
said...
एक सच्चे प्रेमी की यही पहचान है।
अच्छे शेर कहे आपने
सुनील आर; करमेले, इन्दौर
October 23, 2008 at 3:52 AM
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तेरी याद....
कफ़न की जरुरत नही..
ओ सितमगर..
खुशिया..
तेरी तस्वीर..
आजमाइश -ऐ-मुहोब्बत ..
हँस लेता हू..
हिसाब...
तेरा इंतज़ार...
कहा जाऊ..??
चाहत..
शम्मा जलाते रहो..
ज़रा मुस्कुरा दे..
शौक..
खवाहिश
कुछ एहसास
तड़फ..
दस्तक...
याद...
जिंदगी..
मेरी तन्हाईया..
तन्हाई..
उम्मीद..
तकदीर
मुहोब्बत का मुकाम...
तेरा साथ..
डर...
ठंडी साँसे..
मिन्नेते..
जाल..
लौट आ ...
मेरा साथी..
ये दूरिया...
जिंदगी और मौत...
तनहा की शायरी...
तनहा की शायरी...
तनहा की शायरी..
तनहा की शायरी..
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taanya
Dil ki tanhaayi ko alfaaz bana lete hai.. Dard jab had se guzerta hai to likh lete hai..!
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1 comment:
एक सच्चे प्रेमी की यही पहचान है।
अच्छे शेर कहे आपने
सुनील आर; करमेले, इन्दौर
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